By Pooja Kumari
समाज में उन स्त्रियों का ठगा जाना सदैव निश्चित है,
जिन्होंने स्वयं को पूर्णत: समर्पण के लिए तैयार रखा।
बिना यह जाने की समर्पण की गहराई कितनी अंतहीन है।
जो उन्हें उनके अस्तित्व से कोसों दूर ,
ला फेंकती है, पुरषों के गढ़े स्वांग मे।
शायद , इस समाज की सभी स्त्रियां उनमें शामिल है,
जो इस पितृसत्ता के बनाए गए षड्यंत्र-
शरीफ और भली औरतों में कहीं फंस गई है,
और नही देख पा रही ,
शरीफ़ और भली औरतों के नाम पर ,
उनका बार -बार ठगा जाना ।
By Pooja Kumari
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