स्त्री
- hashtagkalakar
- Jul 17, 2023
- 1 min read
Updated: Apr 8, 2024
By Dr. Swati Priya
प्रारंभ हूँ
प्रवर्धन भी
ममतामई प्रेम की
परिभाषा हूँ
परिकल्पना हूँ
नए युग की
प्रतप्त प्रकृति की
आशा हूँ
प्रीति हूँ
प्रियतमा भी
परितोष नहीं है जीवन से
प्राणत्व के
पयोधि में प्लवित
पूर्णता की
अभिलाषा हूँ
By Dr. Swati Priya
Beautiful ❤️
Paripakwa Pantiyaan!
🥰
🤩
Nice Poem👍