Sep 9, 20231 min readहाथ रोकने कि कोशिश में हूँRated 0 out of 5 stars.No ratings yetBy Himanshu Angad Raiहाथ रोकने कि कोशिश में हूँ,मैं खुद को कोसने कि कोशिश में हूँ।मैं थकता नहीं लेकिन थोडा रूक के बैठ जाता हूं,मै किस हालत में हूँ सोचने की कोशिश में हूँ।By Himanshu Angad Rai
By Himanshu Angad Raiहाथ रोकने कि कोशिश में हूँ,मैं खुद को कोसने कि कोशिश में हूँ।मैं थकता नहीं लेकिन थोडा रूक के बैठ जाता हूं,मै किस हालत में हूँ सोचने की कोशिश में हूँ।By Himanshu Angad Rai
Shayari-3By Vaishali Bhadauriya वो हमसे कहते थे आपके बिना हम रह नहीं सकते और आज उन्हें हमारे साथ सांस लेने में भी तकलीफ़ होती...
Shayari-2By Vaishali Bhadauriya उनके बिन रोते भी हैं खुदा मेरी हर दुआ में उनके कुछ सजदे भी हैं वो तो चले गए हमें हमारे हाल पर छोड़ कर पर आज भी...
Shayari-1By Vaishali Bhadauriya इतना रंग तो कुदरत भी नहीं बदलता जितनी उसने अपनी फितरत बदल दी है भले ही वो बेवफा निकला हो पर उसने मेरी किस्मत बदल...
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