By Master Sarthayki Agarwal
भक्ति काल में प्रेम की धुन,
रामायण, कृष्ण की कहानियों में सुन।
संतों ने गाए गीत, मोहे सबका मन ,
दिया हिंदी भाषा को नव जीवन
रीति काल में शृंगार का रंग,
काव्य में बंदी हुई प्रकृति के अंग ।
शब्दों की मिठास, भावों की गहराई,
हिंदी साहित्य के रोम रोम में समाई ।
वीरगाथा काल में वीरों के गीत,
देशभक्ति की ज्वाला, युद्ध के कीत।
शौर्य गाथाएं, हिम्मत को बढ़ाती,
हिंदी भाषा की शक्ति को दर्शाती।
आधुनिक काल में नई सोच,
विज्ञान, समाज, देश की खोज।
हिंदी भाषा ने बदला अपना रूप,
नई पीढ़ी के दृष्टिकोण अनुरूप ।
हम भी कर सकते हैं योगदान,
हिंदी भाषा के विकास में अपना स्थान।
हिंदी में लिखें, पढ़ें, बोलें,
मन के विचार हिंदी में खोले ।
शिक्षा के माध्यम से, फैलाएं ज्ञान,
हिंदी की महत्ता समझाएं मान।
समाज में हिंदी का प्रयोग बढ़ाएं,
राष्ट्रीय भाषा के गौरव को बनाएं
By Master Sarthayki Agarwal
Comments