By Atulyaa Vidushi
हिम्मत रखो
हार के बाद जीत और जीत के बाद हिम्मत, इसके बीच हारने की हिम्मत रखो।
ये दुनिया तो पराई है ना, तो इसमे खुद को अपना बनाने की हिम्मत रखो;क्यूं सुननी है सबकी, अपने और पराए में भेद करने की हिम्मत रखो।
एक पल में नहीं लेकिन एक दिन जरूर होगा, ये कह जाने की हिम्मत रखो; एक दिन वो जरूर आएगा ये दिखलाने की हिम्मत रखो।
जीत तुम्हारी है पर उसके साथ आते तानो को सुनने की हिम्मत रखो; दुनिया तो राग बदलेगी ही अपना पर तुम उसमें अपना सुर लगाने की हिम्मत रखो
जीतोगे तुम
बस हिम्मत रखो
By Atulyaa Vidushi
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