By Jai Kishor Mandal
होकर मायूस तो रुक क्यों जाता हैं,
ये ज़िन्दगी हैं मेरे दोस्त तू बैठ क्यों जाता हैं।
सफ़र अभी लम्बी हैं तू आगे बढ़,
आगे पहाड़ हैं तो पीछे खाई हैं।
हरा वो इंसान हैं,
जो घबराकर डरा हैं।
ये ज़िन्दगी हैं,
तू अपना हौसला बना कर रख।
ये ज़िन्दगी हैं तू हंस कर मुकाबला कर इसका,
डराएगा, बहलाएगा तुझको घुमाएगा।
तू हार न मान ये ज़िन्दगी हैं,
तुझको धमकाएगा।
चकाचौंध-से भरी इस दुनियाँ में यहाँ सब पराया हैं,
तुझको कभी हँसाएगा तो कभी रुलाएगा।
आने वाला कल तेरा हैं,
तू आज का तो सामना कर।
ये ज़िन्दगी हैं कहीं फूल तो कहीं कांटें मिलेंगे,
कहीं चोर तो कहीं फकीर मिलेंगे।
ये ज़िन्दगी हैं जहाँ हँसना भी तुझे हैं,
रोना भी तुझे हैं अब तू खुद तय कर लें।
By Jai Kishor Mandal
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