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।।अधूरी कहानी।।

By Shudhanshu Pandey


ये दर्दों गम छुपा कर हम सुकूं से सो नहीं सकते,

कभी जो रोना चाहे तो ये आंखे रो नहीं सकते।

कभी तुम मांग कर देखो हम अपनी जां फना कर दें,

उन्हें हम खो नहीं सकते, वो मेरे हो नहीं सकते।


मेरे मासूम से दिल के किए टुकड़े कई तुमने,

ये फिर से जुड़ नहीं पाया किया कोशिश बहोत हमने।

लगा दी आग खुशियों को मुझे अपना बना कर के,

मैं आतिश हो नहीं सकता, वो पानी हो नहीं सकते।1


मोहब्बत रास न आई रहे वो ढूंढते फिरते,

थी चाहत हर जगह जिनकी वो कहते हम हैं इकलौते।

वफा के नाम पर लूटे गए हम रोज तिल- तिल के,

मेरे आंसू गिरा कर तुम खजाना भर नहीं सकते।


वो कुछ एहसास थे दिल में जिसे तुमने ही बोया है,

तेरी यादों ने मेरे दामन को अश्कों से भिगोया है।

तेरी इक झलक पाने को तरसते हैं मेरे नैना,

तू पत्थर का बना इंसान तेरा तो ज़मीर सोया है।


वो कहते हैं चलो अब भूल जाते हैं वो सब रातें,

वो कसमें थी सभी झूठी वो वादे थे सभी झूठे।

मेरे जज़्बात के मैयत पे मेरे दिल ने ये बोला,

तुझे चाहेंगे हर कोई मगर तेरे हो नहीं सकते।


मेरे आंखों को अश्कों से भींगोने हम नहीं देंगे,

तू है जज़्बात का कातिल तुम्हें अब हम न छोड़ेंगे,

मेरा दिल डग-मगा जाए तू करले लाख कोशिश पर,

इसे हम मौत दे देंगे इजाज़त हम नहीं देंगें।


By Shudhanshu Pandey


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