थोडी हसी बाटना सिखो,
कभी खुशी बाटना सिखो,
दुनिया पे तो रोज हसते हो,
थोडा खुदपे भी हसना सिखो..
थोडा गम उधार लेना सिखो,
किसिका दर्द बाटना सिखो,
दुसरोंका तो रोज मजाक उडाते हो,
कभी खुद मजाक बनना भी सिखो..
थोडा बरदाश्त करना सिखो,
कभी गुस्सेको निगलना सिखो,
कडवाहट तो रोज बतलाते हो,
कभी नाराजगी मे मुस्कुराना भी सिखो..
थोडा खुशमिजाज होना सिखो,
खामियोंको नजरअंदाज करना सिखो,
रोनेके लाख बहाने देते हो,
कभी खुलकर हसना भी तो सिखो..
:- मोहित केळकर